Click to Expand & Play
नई दिल्ली: दिल्ली के मुंडका इलाके की इमारत शायद ऐसे ही किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही थी. आग (Mundka Fire) में सब कुछ खाक होने के बाद जब अग्निशमन कर्मी अंदर घुसे और प्रारंभिक जांच के तथ्य इसकी गवाही दे रहे हैं. चार मंजिला इमारत में आने-जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था, जहां सीसीटीवी कैमरे, राउटर और ऐसे ही अन्य प्लास्टिक सामानों का निर्माण हो रहा था, जिससे आग फैलते देर न लगी. बदकिस्मती से आग के वक्त बिल्डिंग के ज्यादातर कर्मचारी दूसरी मंजिल पर एक ही जगह इकट्ठा थे, जब वहां एक मोटिवेशनल स्पीच चल रही थी. यही वजह रही कि सबको सुरक्षित भागने का मौका नहीं मिल पाया. सबसे ज्यादा लाशें इसी दूसरी मंजिल पर पाई गईं.
चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने कहा कि इमारत में आने-जाने का एक ही एंट्री प्वाइंट था. बिल्डिंग के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट (Safety Norms ) नहीं था और न ही उसके अंदर आग बुझाने (fire extinguisher) का कोई उपकरण मौजूद था. बिल्डिंग का कोई उचित ब्लूप्रिंट भी नहीं था. सीसीटीवी कैमरा और राउटर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के मालिक हरीश और वरुण गोयल को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि बिल्डिंग का मालिक मनीष लकड़ा अभी भी फरार है. 29 लोग अभी भी लापता बताए जाते हैं.
मुंडका अग्निकांड की FIR में पुलिस का दावा का है कि बिल्डिंग मालिक मनीष लाकड़ा परिवार ने करीब 100से ज्यादा परिवारों की जान जोखिम में डाली. मानक की धज्जियां उड़ाई गईं. इतनी बड़ी बिल्डिंग, जिसका व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा था, लेकिन इमारत में आने- जाने के लिए केवल एक ही रास्ता था, जो गली में अन्दर की तरफ से बना हुआ था. जांच में पता चला कि इमारत का मालिकाना हक सुशील लाकड़ा और उनके पुत्र मनीष लाकडा व उनकी पत्नी सुनीता लाकड़ा के नाम है.
जबकि कंपनी कोफे इंपेक्स प्रा.लि. (Cofe Impex Pvt Ltd) के मालिक हरीश गोयल व वरुण गोयल हैं. जिन्होंने इस प्रापर्टी को व्यवसायिक तौर पर किराये पर ले रखा था. इतने सारे कर्मचारी होने के बावजूद सुरक्षा का कोई भी उपाय नहीं था. बिल्डिंग के अन्दर emergency exit या अलग से प्रवेश या निकासी का कोई प्रावधान नहीं था. प्रापर्टी के मालिक (मनीष लाकडा. सुशीला लाकडा, सुनीता लाकडा) और उनकी कंपनी के डायरेक्टर हरीश गोयल व वरुण गोयल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.